गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में वर्णित काव्य का सौंदर्य पक्ष

Authors

  • प्रतिमा शर्मा

Abstract

गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस हिंदी साहित्य का अमूल्य रत्न है जो अपने काव्य-सौंदर्य के कारण सदियों से पाठकों को मुग्ध करता आया है। प्रस्तुत शोध-पत्र में रामचरितमानस के काव्य-सौंदर्य के विविध पक्षों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस महाकाव्य में तुलसीदास जी ने भाषा की मधुरता, छंद की लयात्मकता, अलंकार की शोभा, रस की निष्पत्ति तथा भाव की गहनता के माध्यम से काव्य के सौंदर्य को अपने चरम पर पहुंचाया है। शोध में पाया गया कि रामचरितमानस में प्रकृति-चित्रण, चरित्र-चित्रण, भक्ति-भावना और लोक-जीवन का अत्यंत सुंदर चित्रण हुआ है। तुलसीदास जी की काव्य-शैली में संस्कृत, हिंदी और अवधी भाषाओं का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। यह शोध-पत्र तुलनात्मक और विश्लेषणात्मक पद्धति पर आधारित है जिसमें रामचरितमानस के सौंदर्य-पक्ष को समसामयिक काव्य-शास्त्र के संदर्भ में परखा गया है।

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Published

2019-2025

How to Cite

प्रतिमा शर्मा. (2025). गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में वर्णित काव्य का सौंदर्य पक्ष. International Journal of Cultural Inheritance & Social Sciences ISSN: 2632-7597, 3(5), 65–71. Retrieved from https://ijciss.com/index.php/j1/article/view/109

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